खुला चैलेंज देता हूँ माननीय मुख्यमंत्री नितीश कुमार जी शराब बंदी पर आ के बहस कीजिये, है दम सच का सामना करने की?
माननीय मुख्यमंत्री
नितीश कुमार, बिहार
मै शराब नहीं पिता पर फिर भी आपके इस शराब बंदी कानून के खिलाफ हूँ मेरी नजर में ये कानून पूरी तरह से गलत है इसलिए की ये असंवैधानिक है। शराब बंद कीजिये कोई आपत्ति नहीं पर मैं या कोई क्या खायेगा क्या पियेगा ये तय करने का हक़ सिर्फ हमे खुद को है ना की आपको। हमारी मर्जी है की हम क्या खाए-पियेंगे। आप या आपका कानून रोक नहीं सकता इसके लिए ये बाते कानून में ही लिखी हैं। पर आपको कानून कैसे पता होगा, झूठी सफलता के नशे में डूबे जो है आप उससे निकले आप तब ना, ज्ञानी मंत्रियो की पूरी जमात है अगल बगल कोई नौवी पास तो कोई अनपढ़। ऐसे मंत्री है आपके जिनके पास "मिड डे मिल" की जांच को टाइम नहीं है "पिज़्ज़ा हर्ट" की जांच को टाइम है। इसमें गलती आपकी भी नही है, हमारी है की हमने आपको वहा बैठा दिया जहा आपलोग बैठने के लायक नही थे।
आप जनता को ये भी क्यों नही बताते की बिहार कितना क़र्ज़ में डूब गयी है, आपके इस शराब बंदी से। ये भी बताइए जनता को की जबसे शराब बंद हुआ है तबसे कुल कितने मर्डर और अपहरण की घटना हुई है। खुलेआम हत्या हो रही है उसके लिए कठोर कानून और करवाई की जरूरत नहीं है क्या, कही आप भी किसी के हत्यारे तो नहीं जो इसके लिए कठोर कानून नहीं बनाते और ना ही कारवाई करते है ऐसे लोगो पे। आप ये बताइए की आपको वर्ल्ड बैंक ने जो पैसा गरीबो का घर बनाने की लिए दिया आज तक उन पैसो का इस्तेमाल क्यों नही हुआ गरीबो के लिए। पिछली सरकार में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी ने किसानो का कर्ज माफ़ करने के लिए बिहार सरकार को पैसा दिया था वो पैसा कहा गया क्यों आज तक किसान कर्ज में डूबे है।
रोज रोड पे इतने एक्सीडेंट हो रहे क्या यातायात नियमो को कठोर बना कर लागू करना जरुरी नहीं। पर आप क्यों करेंगे आपके पुलिस वाले तो खुद नियमो का पालन नहीं करते ना हेलमेट ना कुछ। और हां आप खुद भी पालन नहीं करते यातायात नियमों का जब आपका काफिला गुजरता है। इसका प्रत्यक्षदर्शी हूँ मैं।
खुलेआम गांजा-भांग बिकता है पुरे बिहार में उसके लिए ऐसे कानून क्यों नही बनाते आप कही ऐसा तो नहीं आपको खुद गांजा या भांग पीना पसंद हो।
मैंने अखबारों के माध्यम से ये भी सुना है कि आपने कानून में ये भी प्रावधान रखा है की अगर कोई शराब बंदी के खिलाफ सोशल मीडिया में लिखता है तो उसे भी जेल भेजा जायेगा और उसपे कड़ी करवाई होगी। मुझे एक चीज़ नहीं समझ आयी आपने कन्हैया कुमार को गले लगाया जब नारा आया "भारत तेरे टुकरे होंगे" और आप सब नेताओ ने अभिव्यक्ति को आजादी की बात कही तो क्या शराब बंदी के खिलाफ लिखना या बोलना यह अभिव्यक्ति की आजादी में नहीं। क्या ये राज्यद्रोह से ज्यादा बड़ा अपराध है, मेरी नजर में तो ये अपराध ही नहीं है बल्कि अपराध तो वो था जब आपने कन्हैया कुमार को गले लगाया। मै आज आपको साफ़ शब्दों में कहता हूँ और माफ कीजियेगा कुछ कठोर शब्द भी बोल रहा हूँ पर आप इसी के लायक है।
अपराधी वो नहीं जिनके खिलाफ आपने ये कानून बनाया है बल्कि सबसे बड़े अपराधी आप है क्यूंकि आपकी बेटी "इशरत जहाँ" है और आपके गले एक राजद्रोह के मुक़दमे से गुजरने वाला मुलजिम "कन्हैया कुमार" लगता है।
सच बोलना अगर बगाबत है तो समझिये आज से हम बागी है। और इस नए तानाशाही शराबबंदी कानून के खिलाफ मैं बिहार वासियो के साथ अलग अलग माध्यम से संवाद निरंतर करता रहूँगा ! वो माध्यम चाहे सोशल मीडिया हो या कुछ भी। आप जो करवाई चाहे वो कर के रोकने का प्रयास कर लीजिये।
आप शराब बंदी- शराब बंदी खूब चिल्ला रहे है, आज मैं गौरव सिंह आपको और आपके उस ज्ञान को जिसके आधार पे आपने ये कानून बनाया है, खुली चुन्नौती देता हूँ, आइये पब्लिक के सामने बैठते है और दोनों आपस में इसपे सवाल जवाब कर लेते है फिर देखते है आप और आपका शराब बंदी कानून कितना सही है, क्या है आपमें दम अपने बनाये इस शराब बंदी कानून को सही साबित करने की?
आशा करता हूँ कि अगर आपकी नजर में आपका ये शराब बंदी कानून सही होगा तो आप मेरी चुन्नौती जरुर स्वीकार करेंगे और आयेगे किसी भी जनता के मंच पे सवाल जवाब करने को।
आपके दिखावे से दुखी एक जनता
गौरव सिंह
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